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प्रादेशिक सेना दिवस 09 अक्टूबर को भारतीय सेना द्वारा मनाया गया
भारतीय सेना ने 09 अक्टूबर 2021 को 72वां प्रादेशिक सेना दिवस मनाया। प्रादेशिक सेना ने 09 अक्टूबर 2021 को अपना 72वां स्थापना दिवस मनाया। इस पवित्र अवसर पर, क्षेत्रीय सेना के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत मोहिंदर सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर के शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रादेशिक सेना स्थापना दिवस का इतिहास
अंग्रेजों द्वारा भारतीय प्रादेशिक अधिनियम 1920 के माध्यम से प्रादेशिक सेना (Territorial Army) का गठन किया गया और स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा वर्ष 1948 में प्रादेशिक सेना अधिनियम पारित किया गया था। और भारत के पहले गवर्नर-जनरल श्री सी राजगोपालाचारी ने औपचारिक रूप से प्रादेशिक सेना की शुरुआत 9 अक्टूबर को की थी इस लिये प्रादेशिक सेना स्थापना दिवस हर साल 9 अक्टूबर को चिह्नित और मनाया जाता है इस दिन को प्रादेशिक सेना स्थापना दिवस के रूप में मान्यता दी गई है।
भारत में पहला प्रादेशिक सेना सप्ताह वर्ष 1952 में 8 नवंबर से 15 नवंबर तक ‘नागरिक सेना’ (‘Citizen’s Army’) के रूप में मनाया गया था यह प्रादेशिक सेना सप्ताह आम जनता के बीच “प्रादेशिक सेना” (Territorial Army) के अस्तित्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया गया था। यदि वर्तमान की बात करे तो प्रादेशिक सेना में 65 विभागीय और गैर-विभागीय इकाइयाँ शामिल हैं और जिनकी जड़ें पूरे देश में मजबूती से फैली हुई हैं, प्रादेशिक सेना में लगभग चालीस हजार कर्मियों की ताकत है ।
शुआत में प्रादेशिक सेना की विभिन्न इकाइयां भी हुआ करती थी जैसे कि इन्फैंट्री बटालियन (टीए) (Infantry Battalion (TA), सशस्त्र रेज (टीए) (Armed Regt (TA), इंजीनियर्स फील्ड पार्क कोय (टीए) (Engineers Field Park Coy (TA), वायु रक्षा (टीए) (Air Defence (TA), तट बैटरी (टीए) (Coast Battery (TA), सिग्नल रेजिमेंट (टीए) (Signal Regiment (TA), एएमसी फील्ड एम्बुलेंस (टीए) (AMC Field Ambulance (TA), । हालाँकि 1972 तक भारत सरकार द्वारा इन इकाइयों को भंग कर दिया गया या इन इकाइयों को नियमित सेना में बदल दिया गया ।
प्रादेशिक सेना द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं
प्रादेशिक सेना (TA) नियमित सेना के एक भाग के रूप में कार्य करती है। प्रादेशिक सेना (टीए) की मुख्य भूमिका और जिम्मेदारी देश मे किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने में स्थानीय और प्रशासनिक अधिकारियों को सहायता प्रदान करना है। इस कार्य के पीछे प्रादेशिक सेना (TA) का मुख्य उद्देश्य नियमित सेना को उनकी स्थिर जिम्मेदारियों के लिए मुक्त रखना और प्रादेशिक सेना (TA) देश की सुरक्षा और देशवासिओ के जीवन को प्रभावित करने वाली स्थितियों में आवश्यक सेवा का रखरखाव को संभव करना है।
प्रादेशिक सेना का योगदान
प्रादेशिक सेना (टीए) की विभिन्न इकाइयों ने देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय सेवाएं प्रदान की हैं, जम्मू और कश्मीर में आंतरिक शांति बनाए रखी है और देश के पश्चिमी और उत्तरी सीमा क्षेत्रों में निगरानी में सहायता प्रदान की है। प्रादेशिक सेना (TA) ने जुलाई 1987 से मार्च 1990 तक श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) का भी हिस्सा बनी।
मुझे याद है कि समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, प्रादेशिक सेना की लगभग 75 प्रतिशत इकाइयाँ उत्तर-पूर्व और जम्मू-कश्मीर में जवाबी कार्रवाई और आतंकवाद का मुकाबला (काउंटर इंसर्जेंसी / काउंटर टेररिज्म) के माहौल में भी तैनात की गई थी। इन प्रादेशिक सेना इकाइयों की मुख्य भूमिका अपने कार्यक्षेत्र में अपने कार्यों को अंजाम देना और देश के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखना है।
प्रादेशिक सेना की इकाइयाँ देश के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा बनाए रखने की दिशा मे ही कार्य करती बल्कि प्रादेशिक सेना की ईटीएफ बटालियन ने कथित तौर से लगभग 73,000 हेक्टेयर भूमि पर लगभग सात करोड़ पौधे भी लगाने का कार्य किया है।
समूह मुख्यालय
प्रादेशिक सेना का समूह मुख्यालय इस प्रकार है
दक्षिणी कमान (Southern Command) | पुणे, महाराष्ट्र |
पूर्वी कमान (Eastern Command) | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
पश्चिमी कमान (Western Command) | चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश) |
मध्य कमान (Central Command) | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
उत्तरी कमान (Northern Command) | उधमपुर, जम्मू और कश्मीर |
पुरस्कार और पदक
प्रादेशिक सेना को उनके उत्कृष्ट योगदान को भारत सरकार ने भी मान्यता दी और प्रादेशिक सेना के अधिकारियों को उत्कृष्ट सेना पदको जैसे अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और परमवीर चक्र सहित उन्हें विभिन्न पुरस्कारो से भी सम्मानित किया गया है जो इस प्रकार है
अशोक चक्र (Ashok Chakra) | 01 (one) |
कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) | 01 (one) |
अति विशिष्ट सेवा पदक (Ati Vishisht Seva Medals) | 05 (five) |
वीर चक्र (Vir Chakras) | 05 (five) |
शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) | 05 (five) |
युद्ध सेवा पदक (Yudh Seva Medal) | 01 (one) |
सेना पदक (Sena Medals) | 74 (seventy four) |
विशिष्ट सेवा पदक (Vishisht Seva Medals) | 15 (fifteen) |
क्या आप जानते हैं कि कई प्रमुख एथलीट, अभिनेता और राजनेता भी प्रादेशिक सेना का हिस्सा रहे हैं? नीचे कुछ नाम दिए गए हैं –
एमएस धोनी | प्रसिद्ध क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की टेरिटरी आर्मी यूनिट में पैराट्रूपर हैं। उन्हें खेल में उत्कृष्ट योगदान के लिए लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद (honorary) रैंक से सम्मानित किया गया है। उन्होंने सन 2015 में पैरा ब्रिगेड के तहत प्रशिक्षण भी लिया था। |
अभिनव बिंद्रा | सन 2008 के ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले प्रतिष्ठित भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को वर्ष 2011 में भारतीय प्रादेशिक सेना द्वारा मानद (honorary) लेफ्टिनेंट कर्नल के रैंक से सम्मानित किया गया था। शूटिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया था। |
अनुराग सिंह ठाकुर | केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को जुलाई 2016 में लेफ्टिनेंट के रूप में प्रादेशिक सेना में शामिल किया गया था। उन्हें सेवा चयन बोर्ड (SSB) द्वारा प्रादेशिक सेना में शामिल होने के लिए फिट पाया गया था, जिसके बाद उन्हें 124 Inf Bn (TA) SIKH में कमीशन दिया गया था। इस साल की शुरुआत में, 16 मार्च 2021 को, वह TA . में कैप्टन के रूप में पदोन्नत होने वाले पहले सेवारत सांसद बने। |
मानवेंद्र सिंह | वे भाजपा के पूर्व सांसद थे। राजनीति में आने से पहले वह प्रादेशिक सेना में कर्नल हैं। |
सचिन पायलट | सचिन पायलट (राजस्थान के उपमुख्यमंत्री) 6 सितंबर 2012 को अपने पिता की इच्छा को पूरा करते हुए, प्रादेशिक सेना में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त होने वाले भारत के पहले केंद्रीय मंत्री बने। इसलिए उन्हें प्रादेशिक सेना में एक अधिकारी होने के लिए लेफ्टिनेंट पायलट के रूप में प्रादेशिक सेना में शामिल किया गया । |
मोहनलाल विश्वनाथ नायर | मोहनलाल एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं, जिन्होंने लगभग 300 मलयालम फिल्मों में अभिनय किया है वह भी प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद (honorary rank) पर रहे हैं। वर्तमान में वह मद्रास रेजिमेंट की 122 इन्फैंट्री बटालियन के ब्रांड एंबेसडर हैं। |
कपिल देव | पूर्व भारतीय क्रिकेटर व कप्तान कपिल देव, जिन्होंने 1983 में क्रिकेट विश्व कप में जीत के लिए भारतीय टीम का नेतृत्व किया, वह भी प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद (honorary rank) पर शामिल हुए. |
मिल्खा सिंह | मिल्खा सिंह एक प्रसिद्ध भारतीय ट्रैक-एंड-फील्ड एथलीट थे जिन्होंने 1960 में रोम ओलंपिक खेलों में 400 मीटर की दौड़ में चौथे स्थान पर रहने पर ओलंपिक एथलेटिक्स स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बने। उन्हें प्रादेशिक सेना में मानद कप्तान के रूप में भी स्थान दिया गया था। |
दीपक राव | दीपक राव एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक, लेखक और चिकित्सक रहे। भारतीय सेना में उनके उल्लेखनीय 17 वर्षों के योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा मेजर की मानद रैंक (honorary rank) के साथ प्रादेशिक सेना की पैरा रेजिमेंट में भी शामिल किया गया था। |
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अतिरिक्त जानकारी
प्रादेशिक सेना क्या है?
भारतीय प्रादेशिक सेना नियमित भारतीय सेना के बाद रक्षा की दूसरी पंक्ति है।
क्या प्रादेशिक सेना रोजगार का स्रोत है ?
नहीं, प्रादेशिक सेना कोई पेशा या रोजगार का स्रोत नहीं बनाती है।
प्रादेशिक सेना में सर्वोच्च रैंक क्या है?
महानिदेशक प्रादेशिक सेना में सर्वोच्च रैंक है।
प्रादेशिक सेना की स्थापना कब हुई थी ?
प्रादेशिक सेना की स्थापना 9 अक्टूबर 1949 को हुई थी।
प्रादेशिक सेना का आदर्श वाक्य क्या है?
सतर्कता व शूरता प्रादेशिक सेना का आदर्श वाक्य है।
प्रादेशिक सेना का मुख्यालय कहाँ स्थित है?
टीए ग्रुप प्रादेशिक सेना का मुख्यालय होता है।
प्रादेशिक सेना का उपनाम क्या है?
प्रादेशिक सेना का उपनाम “टेरियर्स” है।
प्रादेशिक सेना की अवधारणा किस वर्ष में उठाई गई थी?
प्रादेशिक सेना की अवधारणा 1920 में भारतीय प्रादेशिक अधिनियम 1920 के माध्यम से अंग्रेजों द्वारा उठाई गई थी। प्राथमिक रूप से इसे दो पंथों (wings) में संगठित किया गया था – यूरोपीय और एंग्लो-इंडियन के लिए ‘सहायक बल’, और भारतीय के लिए ‘भारतीय प्रादेशिक स्वयंसेवक बल’ ।
क्या स्वतंत्रता के बाद कोई अधिनियम पारित किया गया है?
स्वतंत्रता के बाद प्रादेशिक सेना अधिनियम 1948 में पारित किया गया और 09 अक्टूबर 1949 को पहले भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचारी द्वारा उद्घाटन किया गया।
मुझे उम्मीद है कि ये जानकारी निश्चित रूप से आपको अपने ज्ञान को तेज करने में मदद करेगी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में भी मदद करेगी। कृपया टिप्पणी करें।
आपको ढेरों शुभकामनाएं।