आरबीआई ने एसबीआई पर लगाया 1 करोड़ रुपये का जुर्माना

Table of Contents

देश के अंतिम वित्त नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी वर्गीकरण नियमों का पालन करने में विफल रहने के लिए देश के नंबर 1 वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया हैभारतीय रिजर्व बैंक ने जुर्माने का कारण बताते हुए कहा कि उसने एसबीआई में रखे गए खातों की जांच की और पाया कि खातों में होने वाली धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में कमी पाई गई। यह ब्लॉग इस प्रकार की महत्वपूर्ण सूचनाओं का अनूठा संग्रह है जो परीक्षा के उम्मीदवारों के साथ-साथ एक सामान्य व्यक्ति के लिए अपने वर्तमान ज्ञान को बढ़ाने के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, इसलिए ब्लॉग से जुड़े रहें।

देश के प्रमुख समाचार पत्रों में एक चौंकाने वाली और एक महत्वपूर्ण खबर प्रकाशित हुई कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक (भारत के प्रमुख वाणिज्यिक बैंक) पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। समाचार की पुष्टि के लिए यहां देश में प्रकाशित प्रमुख समाचार पत्रों की वेबसाइटों और न्यूज चैनल के कुछ लिंक उद्धृत कर रहे हैं जैसे कि business-standard.com, News18.com, Economictimes.com और www.ndtv.com आदि। हम नीचे इस खबर को समझने की कोशिश करेंगे और भी बहुत कुछ जानेगे इसलिए ब्लॉग के साथ बने रहें।

इन समाचार पत्रों के अनुसार भारत में अंतिम वित्तीय नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने एसबीआई के साथ बनाए गए खातों की जांच की थी और पाया की एसबीआई द्वारा खातों में होने वाली धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए निर्देशों से कम पाया गया और आरबीआई द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने में देरी और उचित जवाब न होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक अब भारतीय स्टेट बैंक पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस जुर्माने की राशि एक करोड़ रुपया निश्चित की गई है।

यदि भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रेस विज्ञप्ति को पढ़ें तो यह साफ़ होता है की भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा यह कार्यवाही किस आधार पर किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रकाशित प्रेस विज्ञप्ति का सीधा लिंक यहाँ उपलब्ध है

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि भारतीय स्टेट बैंक पर दंड लगाने की कार्रवाई नियामक द्वारा बनाए नियमो के अनुपालन में पाई गई कमियों पर आधारित है और आरबीआई (RBI) ने अपने एक आदेश के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक पर ₹1.00 करोड़ (केवल एक करोड़ रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया है कि यह दंड शक्ति के प्रयोग भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में निहित धारा 47 ए (1) (सी), धारा 46 (4) (आई) और धारा 51(1) के प्रावधानों के तहत भारतीय स्टेट बैंक पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 19 की उप-धारा (2) के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया है।

आरबीआई ने अपनी पूर्व विज्ञप्ति में अपनी कार्रवाई पर पृष्ठभूमि की व्याख्या करते हुए यह कहा कि आरबीआई द्वारा आयोजित संबंधित बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण (आईएसई) (The Statutory Inspections for Supervisory Evaluation (ISE) के दौरान संबंधित बैंक की 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 की वित्तीय स्थिति को सत्यापित करने के संदर्भ में और उसी से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और निरीक्षण रिपोर्ट की जांच करते समय पाया कि संबंधित बैंक द्वारा धारित अधिनियम की धारा 19 की उप-धारा (2) का उल्लंघन किया है
इसी संदर्भ में आरबीआई ने संबंधित बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि अधिनियम के पूर्वोक्त प्रावधानों के उल्लंघन के लिए बैंक पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ?
कारण बताओ नोटिस के लिए बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर आया कि अधिनियम के पूर्वोक्त प्रावधानों के उल्लंघन के लिए बैंक पर मौद्रिक दंड लगाना चाहिए और आरबीआई द्वारा संबंधित बैंक को एक वारंट किया गया

ऐसा नहीं है कि केवल भारतीय स्टेट बैंक ही आरबीआई द्वारा दंडित किया गया हो इस श्रृंखला में कई और बैंक भी शामिल है जिनमे एक बड़ा सरकारी बैंक यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया (union bank of india) और गुजरात के दो सहकारी बैंक The Rander People’s Co-operative Bank Ltd और The Modasa Nagarik Sahakari Bank Ltd शामिल है

आरबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर मौद्रिक जुर्माना लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर दंड लगाने की कार्रवाई नियामक द्वारा बनाए नियमो के अनुपालन में पाई गई कमियों पर आधारित है और आरबीआई (RBI) ने अपने एक आदेश के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक पर ₹1.00 करोड़ (केवल एक करोड़ रुपये) का मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया है कि यह दंड शक्ति के प्रयोग भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में निहित धारा 47 ए (1) (सी)और धारा 46 (4) (आई) के प्रावधानों के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 51(1) के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया है।

आरबीआई द्वारा अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह जुर्माना संबंधित बैंक द्वारा आरबीआई के पारित दिशानिर्देश 2016 के तहत धोखाधड़ी – वर्गीकरण और रिपोर्टिंग के संबंध में जारी कुछ प्रावधानों और निर्देशों और संबंधित बैंक द्वारा स्ट्रेस्ड एसेट्स की बिक्री (Sale of Stressed Assets by Banks) हेतु आरबीआई के दिशानिर्देश को किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा पालन न करने के कारण लगाया गया है।

आरबीआई ने इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि के रूप में अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि आरबीआई ने 31 मार्च, 2019 तक संबंधित बैंक की वित्तीय स्थिति को सत्यापित करने के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई) के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया है और आरबीआई ने जांच के दौरान आईएसई 2019 से संबंधित सभी संबंधित पत्राचारों, बैंक की जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और निरीक्षण रिपोर्ट की जांच की गई कि संबंधित बैंक द्वारा उक्त निर्देशों का अनुपालन किस हद तक किया गया है और पाया की –
01) पूर्व चेतावनी संकेतों की उपस्थिति के बावजूद खाते को रेड फ्लैग खाते के रूप में वर्गीकृत करने में संबंधित बैंक विफल रहा।
02) संबंधित बैंक द्वारा अपने वार्षिक प्रतिवेदन में बैंक की सुरक्षा रसीदों (एसआर) की उम्र और प्रावधान का खुलासा करने में संबंधित बैंक विफल रहा।

इसी संदर्भ में आरबीआई ने संबंधित बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ?
कारण बताओ नोटिस के लिए बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद और इस संदर्भ में मौखिक प्रस्तुतीकरण के लिए
व्यक्तिगत सुनवाई और बैंक द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ की पुनः जांच के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर आया कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर मौद्रिक दंड लगाना चाहिए और आरबीआई द्वारा संबंधित बैंक को एक वारंट किया गया आरबीआई की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

आरबीआई ने द रांदेर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रांदेर, सूरत जिला, गुजरात (The Rander People’s Co-operative Bank Ltd.,
Rander, Surat District, Gujarat
) पर मौद्रिक जुर्माना लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि द रैंडर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत, गुजरात (The Rander People’s Co-operative Bank Ltd., Surat, Gujarat) पर दंड लगाने की कार्रवाई नियामक द्वारा निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों को ऋण और अग्रिम देने पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देश के उल्लंघन के लिए सम्बंधित बैंक पर ₹ 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया है कि यह दंड शक्ति के प्रयोग भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में निहित धारा 47 ए (1) (सी)और धारा 46 (4) (आई) के प्रावधानों के तहत द रैंडर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया है।

आरबीआई द्वारा अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह जुर्माना संबंधित बैंक द्वारा आरबीआई के पारित दिशानिर्देश के अनुपालन में कमियों पर आधारित है।

आरबीआई ने इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि के रूप में अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि आरबीआई ने 31 मार्च, 2019 तक संबंधित बैंक की वित्तीय स्थिति को सत्यापित करने के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई) के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया है और सभी संबंधित पत्राचारों की और सभी संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट
की जांच में, अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी पूर्वोक्त निर्देशों का अनुपालन न करने का पता चला।
इसी संदर्भ में आरबीआई ने संबंधित बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ?
कारण बताओ नोटिस के लिए बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद और इस संदर्भ में मौखिक प्रस्तुतीकरण के लिए
व्यक्तिगत सुनवाई और बैंक द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ की पुनः जांच के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर आया कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर मौद्रिक दंड लगाना चाहिए और आरबीआई द्वारा संबंधित बैंक को एक वारंट किया गया आरबीआई की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

आरबीआई ने मोडासा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड मोडासा, अरावली जिला, गुजरात पर मौद्रिक जुर्माना लगाया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया कि मोडासा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड मोडासा, अरावली जिला, गुजरात (The Modasa Nagarik Sahakari Bank Ltd., Modasa, Aravalli District, Gujarat) पर दंड लगाने की कार्रवाई नियामक द्वारा निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों को ऋण और अग्रिम देने पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देश के उल्लंघन के लिए सम्बंधित बैंक पर ₹ 1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक जुर्माना लगाने का फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी स्पष्ट किया है कि यह दंड शक्ति के प्रयोग भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में निहित धारा 47 ए (1) (सी)और धारा 46 (4) (आई) के प्रावधानों के तहत मोडासा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड मोडासा, अरावली जिला, गुजरात पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के उल्लंघन के लिए दंडित किया गया है।

आरबीआई द्वारा अपनी प्रेस विज्ञप्ति में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह जुर्माना संबंधित बैंक द्वारा आरबीआई के पारित दिशानिर्देश के अनुपालन में कमियों पर आधारित है।

आरबीआई ने इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि के रूप में अपनी प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि आरबीआई ने 31 मार्च, 2019 तक संबंधित बैंक की वित्तीय स्थिति को सत्यापित करने के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई) के लिए एक वैधानिक निरीक्षण किया है और सभी संबंधित पत्राचारों की और सभी संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट
की जांच में, अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी पूर्वोक्त निर्देशों का अनुपालन न करने का पता चला।
इसी संदर्भ में आरबीआई ने संबंधित बैंक को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ?
कारण बताओ नोटिस के लिए बैंक के जवाब पर विचार करने के बाद और इस संदर्भ में मौखिक प्रस्तुतीकरण के लिए
व्यक्तिगत सुनवाई और बैंक द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियाँ की पुनः जांच के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर आया कि आरबीआई के निर्देशों का अनुपालन न करने के लिए बैंक पर मौद्रिक दंड लगाना चाहिए और आरबीआई द्वारा संबंधित बैंक को एक वारंट किया गया आरबीआई की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *