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ब्लॉग पढ़ना किस प्रकार सहायक हो सकता है

नमस्ते दोस्तों,

ब्लॉग पढ़ना किस प्रकार से सहायक हो सकता है? या ब्लॉग पढ़ने से क्या लाभ होता है? ब्लॉग क्यों पढ़ना चाहिए ? यह सब प्रश्न हर किसी के मन में आ सकते है और आना सोभाविक सी बात भी है। क्योंकि ब्लॉग तो किसी दूसरे के विचार है तो भला इससे हमें क्या लाभ हो सकता है?

ऐसे विचार हमारे किसी के भी मन में आ सकते है। लेकिन मैं यहां यह बताना चाहता हूँ की ब्लॉग पढ़ना केवल परीक्षार्थिओं के लिए ही महत्यपूर्ण नहीं है बल्कि आम लोगो के लिए भी उतना ही आवश्यक सिद्ध हुआ है। और यह अनुभव मुझे तब हुआ जब मैने ब्लॉग पढ़ना शुरू किया।

मैं अपने पाठको को यहां यह बताना चाहता हूँ की जब तक मैंने वास्तव में ब्लॉग पढ़ना शुरू नहीं किया था। तब तक मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ब्लॉग पढ़ना किसी दिन मेरी पसंदीदा आदत बन जाएगी और मुझे लिखना भी सिखा देगी।

ब्लॉग पढ़ने से मुझे कुछ छिपे हुए लाभों का अनुभव हुआ जो मुझे पहले ज्ञात नहीं थे। उन अनुभवों को आज मैं अपने पाठको के साथ सांझा करना चाहता हूँ। क्योंकि मै चाहता हूँ कि मेरी तरह मेरे पाठको का भी फायदा हो सके और मेरे पाठक भी लाभान्वित हो सके।

ब्लॉग पढ़ने से मुझे निम्नलिखित फायदों का अनुभव हुआ जो इस प्रकार है –
1) एक सकारात्मक बदलाव का अनुभव।
2) जीवन की सोच में बदलाव।
3) ज्ञान में वृद्धि।
4) किताबो के बोझ से राहत।
5) किताबों की तलाश में दुकानो की भाग दौड़ से राहत।
6) कहीं भी,किसी भी जगह पर ज्ञान अर्जित का सुलभ और सुगम जरिआ।
7) अपनी रुचि के विषय सामग्री की बहुतायत में उप्लभ्दता।
8) एक ही विषय पर अलग-अलग विचारो से अवगत कराता है, क्योंकि अलग-अलग लोग अलग-अलग तरह से सोचते है और व्यक्त करते है।
9) किसी भी विषय के हर अनछुए पहलू की जानकारी देने में सक्षम होता है।
10) दिमाग के किसी भी प्रकार के विचलित प्रभाव, विचार या पलायनवाद की तलाश पर अंकुश लगाता है।
11) ब्लॉग पढ़ने से पाठको का चित हमेशा उत्साहित रखने में सहायक रहता है।
12) ब्लॉगों की उपलब्धता के कारण पाठको को अपनी रुचि की पाठ्य सामग्री आसानी से मिल जाती है।
13) पाठको को विभिन्न विषयों का पता लगाने की क्षमता में इजाफा होता है। जिसके बारे में वह कुछ भी नहीं जानता था।
14) परीक्षा के प्रस्तावात्मक खंड के लिए नए तरीकों के इस्तेमाल में इजाफा।
15) अपने विचारो को कार्यविनित करने का सुगम तरीका।
16) ब्लॉग पढ़ने से पाठक अपनी भाषा पर पकड़ को बेहतर बनाने में मदद करता है।
17) ब्लॉग पढ़ने से नए शब्दों की जानकारी के साथ साथ उनका प्रयोग करने को भी सुगम बनाता है।
18) नियमित रूप से ब्लॉग पढ़ने से पाठको में सीखने की निरंतरता बनी रहती है।
19) ज्ञान प्राप्त करने का निशुल्क यंत्र। किसी भी प्रकार की कोचिंग के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता।
20) ब्लॉगों को पढ़ना पाठको में आत्मविश्वास पैदा करने में भी सहायक होता है।

इसलिए अपनी मदद के लिए हमेशा ब्लॉग को ध्यान से पढ़ें। मैं इस अंतिम बात के साथ ब्लॉग को समाप्त करता हूँ कि ब्लॉग पढ़ना पूरी तरह से निशुल्क होने के साथ साथ ज्ञान प्राप्त करने के लिए, अपने कौशल को विकसित करने के लिए, अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा करने के लिए, अपने ज्ञान के भण्डार को विकसित करने के लिए, अपने शब्दकोश के भण्डार को और अधिक विकसित करने के लिए, अपनी सोच में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है।

इस इंटनेट की दुनिया में जहां सब कुछ आपके दरवाजे पर निशुल्क और सुगमता से उपलब्ध है और आप आँखे बंद कर के पड़े है। उठिये कुर्सी की पेटी बाँध लीजिए, अब समय आ गया है खुद को सबसे बेहतर बनाने का। बस आप तो इंटरनेट का भुगतान कीजिए और एक निशुल्क ज्ञान का भंडार आप के सामने होगा।
धन्यवाद

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