अमेरिका का JP Morgan Chase Bank दुनिया का सबसे व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक बना

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Important Current Affairs on 28-11-2021

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करंट अफेयर्स क्या है ?

अगर हम किताबों की परिभाषा के दृष्टिकोण से जाते हैं तो करंट अफेयर्स प्रसारण पत्रकारिता परिवार की ही एक शैली का रूप है। यदि वह करंट अफेयर्स की परिभाषा के बारे में बात कर रहे हैं, तो हम समाज में राजनीतिक, आर्थिक, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं और समस्याओं की बात कर रहे हैं, जिनकी अक्सर समाचार पत्रों, टेलीविजन और रेडियो पर चर्चा की जाती है। करेंट अफेयर्स का महत्व जानने के लिए यहां क्लिक करें

28 नवंबर 2021 के समसामयिक विषय

जेपी मॉर्गन चेज़ दुनिया का सबसे व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक बन गया है

वैश्विक नियामकों द्वारा शीर्ष ऋणदाताओं की नवीनतम वार्षिक रैंकिंग जो 24 नवंबर 2021 को प्रकाशित की गई है।इस प्रकाशित नवीनतम वार्षिक रैंकिंग तालिका के अनुसार, जेपी मॉर्गन चेस (JPMorgan Chase) को एक बार फिर व्यापक वित्तीय प्रणाली के स्वास्थ्य (the health of the wider financial system) के लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण बैंक नामित किया गया है।
जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी – जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी (JPMorgan Chase & Co.) संयुक्त राज्य अमेरिका का एक बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक है या यह भी कह सकते है कि जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी एक अमेरिकी बैंकिंग और वित्तीय सेवा कंपनी है, जिसकी कुल संपत्ति 2021 में 3.76 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। इस वित्तीय सेवा होल्डिंग कंपनी का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी की स्थापना 01 दिसंबर 2000 को न्यूयॉर्क में जेपी मॉर्गन एंड कंपनी और द चेज़ मैनहट्टन कॉर्पोरेशन (J.P. Morgan & Co. and The Chase Manhattan Corporation.) के विलय के साथ हुई थी। जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी, जिसे पहले जेपी मॉर्गन एंड कंपनी, इंक(J.P. Morgan and Company, Inc.) के नाम से जाना जाता था। G20 देशों के नियामकों से बने वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) (Financial Stability Board) ने दुनिया के 30 सबसे महत्यपूर्ण व्यवस्थित बैंकों की अपनी नवीनतम तालिका प्रकाशित की हैं। दुनिया के 30 सबसे बड़े उधारदाताओं को उनकी वित्तीय स्थिरता मापने के लिए वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) (Financial Stability Board) ने इन्हे चार भागो में विभाजित करके अध्ययन किया ताकि यह जाना जा सके कि वे वित्तीय संस्थाए अपने में कितने व्यवस्थित, अंतर्राष्ट्रीय, परस्पर और जटिलता (systemic, international, interconnected and complex) लिए हुए है। इस जांच के पश्चात यह पाया गया कि जेपी मॉर्गन अब अपने निकटतम साथियों की तुलना में एक उच्च शिखर पर हैं।
तालिका में शामिल होने का अर्थ है एक दशक पहले बैंकिंग संकट में संस्थान के पास अतिरिक्त पूंजी (पूंजी बफर) रखने के लिए अधिक गहन पर्यवेक्षण से गुजरना के साथ साथ करदाताओं से प्राप्त राशि को पुनरावृत्ति से बचने के लिए अतिरिक्त पूंजी रखना, जो पहले से ही एफएसबी (FSB) के अनुसार आवश्यकताओं से ऊपर हो।

वित्तीय स्थिरता बोर्ड (Financial Stability Board) – वित्तीय स्थिरता बोर्ड एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो वैश्विक वित्तीय प्रणाली के बारे में निगरानी करता है और सिफारिशें भी करता है। यह वित्तीय स्थिरता फोरम के उत्तराधिकारी के रूप में अप्रैल 2009 में G20 के लंदन शिखर सम्मेलन के बाद स्थापित किया गया था। वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) का मुख्यालय बेसल, स्विट्जरलैंड में स्थित है। वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) संकल्प, आंतरिक वित्तीय और परिचालन में धन के संबंध में प्रथाओं पर प्रतिक्रिया के लिए रिपोर्ट अपने अनुरोध के साथ प्रकाशित करता है। वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) नियामक, पर्यवेक्षी और अन्य वित्तीय क्षेत्र की नीतियों के विकास के समन्वय से वैश्विक वित्तीय स्थिरता को भी बढ़ावा देता है।

प्रधानमंत्री ने जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी

भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के जेवर शहर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। जेवर शहर नोएडा के गौतम बुद्ध नगर में स्थित है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला स्थल पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया के साथ साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। प्रधान मंत्री ने यह संकेत भी दिया कि प्रस्तावित हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए सहायक होगा और राज्य के कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भी सहायक होगा। प्रस्तावित जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश राज्य का पांचवां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य भारत में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्य बन जाएगा। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) (Yamuna International Airport Private Limited (YIAPL)) द्वारा किया जाएगा। जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लगभग 5,000 एकड़ के क्षेत्र में फैला होगा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ज्यूरिख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एजी (Zurich International Airport AG)) द्वारा 29,560 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का सितंबर 2024 तक चालू होने की उम्मीद की जा रही है। जेवर का नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा चालू होने के बाद, यह हवाई अड्डा भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा और देश का पहला शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हवाई अड्डा (net-zero emissions airport) होगा।

केंद्रीय सरकार ने वेतन दर सूचकांक की नई श्रृंखला जारी की

सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए मजदूरी दर सूचकांक (WRI) (wage rate index) के आधार वर्ष को संशोधित करती है ताकि आर्थिक परिवर्तनों की स्पष्ट तस्वीर प्रदान की जा सके और श्रमिकों के वेतन पैटर्न को रिकॉर्ड किया जा सके। इसी श्रृंखला में भारत के श्रम मंत्रालय ने मजदूरी दर सूचकांक (WRI) (wage rate index) की नई श्रृंखला जारी की है। इस नई मजदूरी दर सूचकांक (WRI) का आधार वर्ष 1963-65 से बदल कर वर्ष 2016 पर आधारित किया गया है श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि आधार वर्ष 2016=100 के साथ मजदूरी दर सूचकांक (WRI) की नई श्रृंखला 1963-65 के आधार के साथ पुरानी श्रृंखला की जगह लेगी। यह संशोधन अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सिफारिशों के आधार पर श्रम मंत्रालय ने वर्ष 2016 के साथ मजदूरी दर सूचकांक (WRI) की नई श्रृंखला जारी की है। वैसे तो सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के अनुसार श्रमिकों के आर्थिक परिवर्तनों की स्पष्ट तस्वीर उजागर करने के लिए और साथ साथ देश मे वेतन पैटर्न रिकॉर्ड किया जा सके इसलिए WRI के लिए आधार वर्ष को संशोधित करती रहती है।
सरकार ने घोषणा की है की WRI की नई श्रृंखला वर्ष 2016=100 के साथ पुरानी श्रृंखला को आधार वर्ष1963-65 से बदल देगी। इस नई मजदूरी दर सूचकांक (WRI) (2016=100) श्रृंखला में मजदूरी दर सूचकांक (WRI) की टोकरी में 37 उद्योगों को शामिल किया गया है जबकि 1963-65=100 मजदूरी दर सूचकांक (WRI) की श्रृंखला में केवल 21 उद्योग ही शामिल थे। इस नई मजदूरी दर सूचकांक (WRI) (2016=100) श्रृंखला में मजदूरी दर सूचकांक (WRI) को हर साल की पहली जनवरी और पहली जुलाई को बिंदु-दर-बिंदु अर्ध-वार्षिक आधार पर वर्ष में दो बार संकलित किया जाएगा।

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मुझे उम्मीद है कि ये जानकारी निश्चित रूप से आपको अपने ज्ञान को तेज करने में मदद करेगी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में भी मदद करेगी। कृपया टिप्पणी करें।
आपको ढेरों शुभकामनाएं।

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