यदि हम बिहार राज्य की बात करे तो हम पाते है कि बिहार राज्य खनिज संसाधनों और जंगलों के मामले में एक समृद्ध राज्य हैं। देश का लगभग 40% से अधिक कोयला, 32% बॉक्साइट, 59% तांबा, 17% लौह अयस्क, लगभग 80% चांदी और 60% अभ्रक अकेले बिहार राज्य से आता है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि देश का प्रमुख नीति थिंक टैंक नीति आयोग ने अपने पहले बहु-आयामी गरीबी सूचकांक में बिहार राज्य को सबसे गरीब राज्य की श्रेणी में रखा है। नीति आयोग ने राष्ट्रीय, राज्य / केंद्र शासित प्रदेश और जिला स्तरों पर गरीबी को मापने के लिए अपना पहला MPI (बहु-आयामी गरीबी सूचकांक) जारी किया है। नीति आयोग के बहुआयामी सूचकांक के अनुसार बिहार राज्य सूचकांक के शीर्ष पर रहा है या यह भी कहा जा सकता है कि बिहार राज्य सूचकांक के अनुसार सबसे गरीब राज्य है और बिहार राज्य की 51.91 प्रतिशत आबादी बहुआयामी गरीब है। वित्तीय मुद्दों, राजनीतिक अपडेट, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास और कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जानने के लिए कृपया ब्लॉग से जुड़े रहें।
देश के प्रमुख समाचार पत्रों में एक चौंकाने वाली और एक महत्वपूर्ण खबर प्रकाशित हुई कि नीति आयोग ने अपने पहले बहु-आयामी गरीबी सूचकांक में बिहार राज्य को सबसे गरीब राज्य की श्रेणी में रखा है। समाचार की पुष्टि के लिए यहां देश में प्रकाशित प्रमुख समाचार पत्रों की वेबसाइटों और न्यूज चैनल के कुछ लिंक उद्धृत कर रहे हैं जैसे कि www.timesofindia.indiatimes.com, www.m.economictimes.com, www.thehindu.com और www.financialexpress.com आदि। हम नीचे इस खबर को समझने की कोशिश करेंगे और भी बहुत कुछ जानेगे इसलिए ब्लॉग के साथ बने रहें।
इन समाचार पत्रों के अनुसार भारत नीति आयोग ने अपनी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट जारी की है और नीति आयोग द्वारा जारी अपनी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) (Multidimensional Poverty Index) की रिपोर्ट के अनुसार भारत देश के वे पांच राज्य जहाँ बहुआयामी गरीबी सबसे कम स्तर पर है उन राज्यों के नाम इस प्रकार है – 01) केरल 0.71 प्रतिशत, 02) पुदुचेरी 1.72 प्रतिशत, 03) लक्षद्वीप 1.82 प्रतिशत, 04) गोवा 3.76 प्रतिशत, 05) सिक्किम 3.82 प्रतिशत। तमिलनाडु 4.89 प्रतिशत और पंजाब 5.59 प्रतिशत ने भी बहुआयामी गरीबी सूचकांक तालिका में सबसे कम गरीबी वाले राज्यों की श्रेणी में अपना स्तान बनाया है लेकिन वही दूसरी और रिपोर्ट के अनुसार भारत देश के सबसे अधिक बहुआयामी गरीबी वाले पांच राज्यों की बात करे तो राज्यों के नाम इस प्रकार से है 01) बिहार 51.91 प्रतिशत,, 02) झारखंड 42.16 प्रतिशत, 03) उत्तर प्रदेश 37.79 प्रतिशत, 04) मध्य प्रदेश 36.6 प्रतिशत, 05) मेघालय 32.67 प्रतिशत।
नीति आयोग जो भारत सरकार के शीर्ष सार्वजनिक नीति थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है और नीति आयोग भारत सरकार की एक ऐसी नोडल एजेंसी जो देश के आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने और आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भारत की राज्य सरकारों की भागीदारी के माध्यम से सहकारी संघवाद को नीचे से ऊपर के दृष्टिकोण के अनुरूप में काम करने को बढ़ावा देने का काम करता है। नीति आयोग ने अपनी पहली के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) जारी किया है और नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के अनुसार भारत का एक ऐसा राज्य जहां की 50% से अधिक की आबादी की पहचान “बहुआयामी गरीब” के रूप में की गई है अर्थात् नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार बिहार में भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गरीबी में रहने वाली आबादी का अधिकतम प्रतिशत है। .
अगर हम केंद्र शासित प्रदेशों के बीच बहुआयामी गरीबी के बारे में बात कर रहे हैं, तो नीति आयोग द्वारा जारी किए गए बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार दादरा और नगर हवेली बहुआयामी गरीबी सूचकांक में सबसे पहले स्थान पर है। निचे तालिका से हम विभिन केंद्र शासित प्रदेशों में बहुआयामी गरीबी के प्रतिशत को जान सकते है। 27.36 प्रतिशत आबादी के साथ, दादरा और नगर हवेली को सबसे गरीब केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। सूची में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 12.58 प्रतिशत, दमन और दीव 6.82 प्रतिशत और चंडीगढ़ 5.97 प्रतिशत के साथ है। पुडुचेरी की आबादी का 1.72 प्रतिशत गरीब है, लक्षद्वीप में 1.82 प्रतिशत, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 4.30 प्रतिशत और दिल्ली में 4.79 प्रतिशत ने कम गरीबी दिखाई है।
केंद्र शासित प्रदेश | राजधानी का नाम | बहुआयामी गरीबी का प्रतिशत |
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | सिल्वासा | 27.36 प्रतिशत |
जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख | जे & के, (शीतकालीन) जम्मू (ग्रीष्मकालीन) श्रीनगर, लद्दाख – लेह | 12.58 प्रतिशत |
दमन और दीव | दमन | 6.82 प्रतिशत |
चंडीगढ़ | चंडीगढ़ | 5.97 प्रतिशत |
दिल्ली | दिल्ली | 4.79 प्रतिशत |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | पोर्ट ब्लेयर | 4.30 प्रतिशत |
लक्षद्वीप | कवारत्ती | 1.82 प्रतिशत |
पुडुचेरी | पुडुचेरी | 1.72 प्रतिशत |
नीति आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि पहले बहुआयामी गरीबी सूचकांक के निष्कर्ष तक पहुँचने से पहले आयोग ने राज्य के प्रदर्शन के प्रत्येक पहलू का ध्यान रखा है जैसे मातृ स्वास्थ्य से वंचित जनसंख्या का प्रतिशत, स्कूली शिक्षा से वंचित जनसंख्या का प्रतिशत, स्कूल में उपस्थिति का प्रतिशत, बिजली से वंचित जनसंख्या का प्रतिशत, बाल और किशोर मृत्यु दर की श्रेणी, खाना पकाने के ईंधन से वंचित जनसंख्या का प्रतिशत और साथ साथ राज्य में कुपोषित लोगों की संख्या आदि। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इस सूची झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ भी स्थान रखते है लेकिन बिहार इन सब राज्यों में श्रेष्ट पर पाया गया है।
नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट को पारित करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) (Multi Dimensional Index – MPI) के निर्माण में आयोग द्वारा ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) (Oxford Poverty and Human Development Initiative (OPHI) and the United Nations Development Programme (UNDP)) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत कार्यप्रणाली को ध्यान में रखा गया है। जिसमे मूलतया शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर के आंकड़े को शामिल किया जाता है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इस सूची के सूचकांक के निर्माण में इन तीनो आयामों को पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसव पूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों का तुलनात्मक अध्यन करके अंतिम निर्णय तक पहुंचा गया है।
परीक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त जानकारी
नीति आयोग क्या है और इसके कार्य क्या है ?
नीति आयोग भारत सरकार का एक प्रमुख नीति निर्देशक थिंक टैंक है। नीति आयोग केंद्रीय सरकार के लिए दिशात्मक और नीतिगत इनपुट (directional and policy inputs) प्रदान करता है। नीति आयोग भारत सरकार के लिए रणनीतिक नीतियों और दीर्घकालिक कार्यक्रमों को डिजाइन करने के साथ-साथ आयोग केंद्र सरकार, राज्य सरकारो और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रासंगिक तकनीकी सलाह (relevant technical advice) भी प्रदान करता है।
नीति आयोग के गठन के पीछे क्या उद्देश्य था?
नीति आयोग के गठन का मुख्य उद्देश्य भारत की केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भागीदारी और सह-भागिता को बढ़ावा देना था।
NITI का फुल फॉर्म क्या है?
NITI का मतलब नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (National Institution for Transforming India) है
नीति आयोग का गठन कैसे और कब हुआ?
भारत सरकार का प्रमुख नीति दिशात्मक और नीतिगत इनपुट प्रदान करने की दृष्टि से 01 जनवरी 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक प्रस्ताव के माध्यम से नीति आयोग का गठन किया गया था।
नीति आयोग का पुराना नाम क्या है?
नीति आयोग का पुराना नाम भारत का योजना आयोग (Planning Commission of India) था लेकिन 01 जनवरी 2015 को कैबिनेट के एक प्रस्ताव द्वारा इसे नीति नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (National Institution for Transforming India) आयोग में बदल दिया गया।
नीति आयोग को थिंक टैंक क्यों कहा जाता है?
नीति आयोग को एक थिंकटैंक इसलिये कहा जाता है क्यूंकि यह केवल दीर्घकालिक, नीतिगत बदलावों की सिफारिश कर सकता है लेकिन उनकी प्रगति को प्रभावित नहीं सकता है। नीति आयोग नए विचारों को उत्पन्न करते हुए, यह उस समय की सरकार को सिफारिश कर सकता है।
भारतीय आर्थिक नियोजन के जनक के रूप में किसे जाना जाता है?
सर एम. विश्वेश्वरैया को सर एमवी (Sir MV) के नाम से भी जाना जाता है, जिन्हें भारतीय आर्थिक योजना के जनक के रूप में जाना जाता है। वह एक इंजीनियर, राजनेता और विद्वान थे।
क्या नीति आयोग एक संवैधानिक संस्था है?
नीति आयोग न तो एक संवैधानिक संस्था है और न ही एक वैधानिक संस्था है।
नीति आयोग की संरचना क्या है?
नीति आयोग एक प्रकार की परिषद है जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, दिल्ली और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री, सभी केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रधान मंत्री द्वारा नामित एक उपाध्यक्ष शामिल हैं। इसके अलावा, प्रमुख विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों से अस्थायी सदस्यों का चयन भी किया जाता है।
नीति आयोग के अध्यक्ष कौन हैं?
भारत के प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष (President/Chairperson) होते हैं।
बिहार राज्य के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
बिहार राज्य की भौगोलिक स्थिति क्या है?
बिहार राज्य भारत के समशीतोष्ण क्षेत्र का एक उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र (subtropical region of the temperate zone) है और भारत के पूर्वी क्षेत्र में 24°20’10″N और 27°31’15″N अक्षांशों और 83°19’50″E और 88°17’40″E के मध्य में स्थित स्थित है।
क्या बिहार राज्य एक भूमि बंद राज्य है?
हाँ, बिहार राज्य एक भूमि बंद राज्य है। बिहार राज्य की सीमाऐ पूरी तरह से अन्य राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है उत्तर दिशा की ओर से बिहार राज्य की सीमा नेपाल देश के साथ साझा करता है तो दक्षिण-पूर्व की ओर की सीमा पश्चिम बंगाल से, पश्चिम की ओर की सीमा उत्तर प्रदेश से और दक्षिण की ओर ओर की सीमा झारखंड राज्य से साथ साझा करता है।
क्या बिहार राज्य की कोई तटरेखा है?
नहीं, बिहार राज्य की कोई तटरेखा नहीं है।
बिहार राज्य में कितनी नदियाँ बहती हैं?
बिहार राज्य में नदियों का एक जाल है। बिहार राज्य से 21 प्रमुख नदियाँ बहती हैं लेकिन गंगा और कोसी नदी बिहार राज्य की प्रसिद्ध नदियाँ हैं। बिहार की नदियों के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया यहां क्लिक करें।
बिहार राज्य की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
गंगा नदी बिहार राज्य की सबसे लंबी नदी है।
किस बिंदु को बिहार राज्य का उच्चतम बिंदु माना जाता है?
सोमेश्वर किले को बिहार राज्य का सबसे ऊंचा स्थान माना जाता है। किले की ऊंचाई लगभग 880 मीटर (2,887 फीट) है
क्या बिहार राज्य का कोई प्राकृतिक खतरा है?
हाँ, बिहार राज्य के लिए प्राकृतिक खतरा बाढ़ (flood) है।
प्रशासन के उद्देश्यों के लिए बिहार राज्य का राजनीतिक भूगोल क्या है?
प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए पूरे बिहार राज्य को 9 संभागों (divisions), 38 जिलों (districts), 101 अनुमंडलों (subdivisions), 534 मंडलों (circles), 12 नगर निगम (municipal corporations), 49 नगर परिषद (Nagar Parishads) और 80 नगर पंचायतें (Nagar Panchayats) में विभाजित किया गया है।
बिहार राज्य की जलवायु कैसी है?
बिहार राज्य में तीनों मौसम होते हैं। अक्टूबर से मार्च का महीना बिहार में सर्दी का मौसम होता है लेकिन दिसंबर और जनवरी महीने सर्दियों के मौसम के सबसे ठंडे महीने होते हैं। इन दो महीनों में तापमान 0 से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। गर्मी का मौसम अप्रैल से मध्य जून तक रहता है और इन महीनों में तापमान 35 से 48 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। बारिश का मौसम जून से सितंबर तक रहता है और अच्छी मात्रा में वर्षा होती है।
बिहार राज्य का ठंडा और सुखद महीना अक्टूबर, नवंबर और फरवरी, मार्च होता है।
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बिहार राज्य नदियों का एक जाल – परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण