प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर हिस्सेदारी पर आरबीआई का पैनल

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर हिस्सेदारी पर गठित पैनल की शिफारिशों के अनुसार 15 वर्षों की लंबी अवधि में प्रमोटरों की हिस्सेदारी की सीमा को बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया है। आरबीआई के मौजूदा नियमों के मुताबिक, एक निजी बैंक के प्रमोटर को 10 साल के भीतर अपनी हिस्सेदारी घटाकर 20 फीसदी और 15 साल के भीतर 15 फीसदी करने की जरूरत है। वित्तीय मुद्दों, राजनीतिक अपडेट, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास और कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जानने के लिए कृपया ब्लॉग से जुड़े रहें।

देश के प्रमुख समाचार पत्रों में एक चौंकाने वाली और एक महत्वपूर्ण खबर प्रकाशित हुई कि भारतीय रिजर्व बैंक ने प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर हिस्सेदारी पर अपना रुख बदला है। समाचार की पुष्टि के लिए यहां देश में प्रकाशित प्रमुख समाचार पत्रों की वेबसाइटों और न्यूज चैनल के कुछ लिंक उद्धृत कर रहे हैं जैसे कि business-standard.com, www.thehindu.com, www.thehindubusinessline.com और www.financialexpress.com आदि। हम नीचे इस खबर को समझने की कोशिश करेंगे और भी बहुत कुछ जानेगे इसलिए ब्लॉग के साथ बने रहें।

इन समाचार पत्रों के अनुसार भारत में अंतिम वित्तीय नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और कॉर्पोरेट ढांचे पर एक आंतरिक कार्य समूह का गठन किया था। आंतरिक कार्य समूह ने निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और कॉर्पोरेट ढांचे पर कुछ सिफारिशे भारतीय रिजर्व बैंक के सामने रखी। सिफारिशों के अनुसार निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमोटरों को पहले पांच वर्षों में किसी भी प्रतिशत हिस्सेदारी को बनाए रखने की अनुमति देने का समर्थन किया है जो कि वर्तमान की न्यूनतम सीमा 40 प्रतिशत से अधिक हो तो बेहतर होगा और फिर 15 साल के संचालन के बाद इस सीमा को 26 प्रतिशत पर कैप करना चाहिए। आंतरिक कार्य समूह के इस सिफारिश को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमति दे दी गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के मौजूदा नियमों के अनुसार एक निजी बैंक के प्रमोटर को अपनी हिस्सेदारी 10 साल के भीतर घटाकर 20 प्रतिशत और 15 साल के भीतर घटाकर 15 प्रतिशत करने की जरूरत होती है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और कॉर्पोरेट ढांचे पर एक आंतरिक कार्य समूह के सुझावों पर विचार करते हुए यह समझाया कि निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए स्वामित्व दिशानिर्देशों और कॉर्पोरेट संरचना को बदला जा सकता है। निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व में प्रमोटरों की मौजूदा हिस्सेदारी के स्तर को 15 वर्षों में 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत की जा सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व और कॉर्पोरेट ढांचे पर जारी अपनी रिपोर्ट में पहले पांच वर्षों के लिए बैंक में प्रमोटरों की प्रारंभिक शेयरधारिता के लिए अनिवार्य लॉक-इन अवधि के मौजूदा निर्देशों में किसी भी बदलाव का समर्थन नहीं किया है और बैंक कि पेड-अप वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी के न्यूनतम 40 प्रतिशत के रूप में जारी रहने का समर्थन किया है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र के बैंकों में प्रमोटरों की प्रारंभिक शेयरधारिता के लिए अनिवार्य लॉक-इन अवधि पहले पांच वर्षों के लिए 40 प्रतिशत हिस्सेदारी की मौजूदा शर्त को जारी रखने का समर्थन करते हुए कहा है कि यह लॉक-इन अवधि की आवश्यकता इस लिए जरुरी है ताकि निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमोटर इसे कोई खेल न समझ सके और निजी क्षेत्र के बैंकों का प्रमोटर समूह के नियंत्रण की विश्वसनीयता तब तक बनाए रखें जब तक कि बैंक व्यवसाय के लिए ठीक से स्थापित और स्थिर न हो जाए। भारतीय रिजर्व बैंक का यह भी मानना है कि यह लॉक-इन अवधि यह भी सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है कि निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमोटर बैंक के प्रारंभिक वर्षों में व्यवसाय के लिए प्रतिबद्ध रहे और बैंक के कार्य प्रगति के लिए आवश्यक रणनीति बनाकर बैंक को प्रगति की दिशा प्रदान कर सके।

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी शामिल किया कि मौजूदा बैंक की चुकता वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी की सीमा 15 वर्षों की लंबी अवधि के बाद 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने आगे यह भी जोड़ा की यह नियम सभी प्रकार के प्रवर्तकों के लिए एक समान होगी और इसका मतलब यह नहीं होगा कि ऐसे प्रवर्तक जिन्होंने पूर्व व्यवस्था के अनुरूप पहले ही अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से कम कर दिया था उन्हें अपनी पेड-अप वोटिंग इक्विटी शेयर पूंजी को 26 प्रतिशत तक बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने आगे यह भी जोड़ा कीअगर प्रमोटर चाहें तो पांच साल की लॉक-इन अवधि के बाद किसी भी समय अपनी शेयर होल्डिंग को 26 फीसदी से भी कम करने के विकल्प चुन सकता हैं।

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