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परीक्षा की तैयारी कैसे करें क्या करें? यह अपने आप में एक जटिल विषय है। परीक्षा हमारे कौशल और ज्ञान की परीक्षा है। परीक्षा अन्य प्रतिभागियों की तुलना में खुद को साबित करने की एक प्रक्रिया है। परीक्षा को अपने जीवन की सफल घटना कैसे बनाएं यह जानने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि मैं सर्वश्रेष्ठ हूं और इस बात को प्रमाणित करने के लिए परीक्षा ही एकमात्र तरीका है । इस ब्लॉग में हम प्रतियोगी द्वारा उठाए जाने वाले विभिन्न लेकिन महत्वपूर्ण कदमों पर चर्चा करने जा रहे हैं। ब्लॉग के साथ बने रहे और जानें कि परीक्षा को अपने जीवन की सफल घटना कैसे बनाएं ।
यदि प्रतियोगी को परीक्षा को अपने जीवन की सफल घटना बनाना है तो सबसे पहले परीक्षा देने वाले सभी प्रतिभागियों को अपने अंतर्मन में परीक्षा की अवधारणा को स्पष्ट करना होगा क्योंकि लिखित परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रतिभागियों को कुछ तार्किक चरणों (logical steps) का पालन करते हुए खुद पर सख्त आत्म-अनुशासन रखते हुए व्यवस्थित रूप से तैयारी करनी चाहिए।
परीक्षा के लिए आत्मविश्वास की आवश्यकता
सबसे पहले, यह महत्वपूर्ण है कि 01) प्रतिभागियों को खुद पर विश्वास रहना चाहिए कि जो यह करने जा रहे है वह उनकी अपनी इच्छा हैं।
02) प्रतिभागियों को अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए और अपनी ताकत को किसी से भी कम नहीं आंकना चाहिए।
03) प्रतिभागियों की सकारात्मक सोच यह स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध होता है कि वह क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं। क्योंकि ऐसा विश्वास प्रतिभागियों के उपलब्धि स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक सिद्ध होता है।
03) प्रतियोगी को रिक्तियों की संख्या के बारे में कभी चिंता नहीं करनी चाहिए बल्कि प्रतियोगी को ऐसा मानना चाहिए कि प्रतियोगिता में उसके पास भी अन्य प्रतिभागियों की तरह सफल घोषित होने का समान अवसर है।
परीक्षा की तैयारी की समय सीमा
वैसे तो परीक्षा की तैयारी के लिए कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित करना असंभव है क्योकि परीक्षा की तैयारी की समय सीमा परीक्षा की गंभीरता पर निर्भर करता है। परीक्षा की तैयारी की समय सीमा एक साल या उससे भी अधिक हो सकती है लेकिन परीक्षा के लिए एक अच्छी तैयारी के लिए कम से कम 5-6 महीने की समय सीमा होनी ही चाहिए। प्रतियोगी को परीक्षा के लिए तैयारी शुरू करने के लिए परीक्षा की घोषणा की तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से परीक्षा के लिए उचित तैयारी करने के लिए बहुत कम समय बचता है और अनिश्चितता की स्थिति पैदा होती है जो प्रतियोगिता की दृष्टि से उचित नहीं मानी जा सकती है ।
हमने इस ब्लॉग में एक प्रतोयोगी परीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए और प्रतोयोगी परीक्षा को अपने जीवन की एक सफल घटना बनाने के प्रयास के लिए प्रतोयोगी को परीक्षा से पहले और परीक्षा के दौरान के दोनों चरणों में कुछ युक्तियों का प्रयास करना चाहिए । हमारे अनुभव से हम कुछ युक्तियों को इकट्ठा करने का प्रयास किया है और यहां उन युक्तियों को प्रकाशित करने का प्रयास भी किया है ताकि अधिक से अधिक प्रतियोगी लाभान्वित हो सके।
परीक्षा से पहले की रणनीति
प्रतिभागियों को परीक्षा को अपने जीवन की सफल घटना बनाने के लिए परीक्षा के लिए अध्यन शुरू करने से पहले प्रतियोगी को निम्नलिखित कुछ युक्तियों को ध्यान में रखना आवश्यक व लाभकारी हो सकता है
01) किसी भी परीक्षा के लिए अध्ययन की तैयारी शुरू करने से पहले प्रतियोगी को परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के पाठ्यक्रम का ज्ञान आवश्यक होना चाहिए ताकि परीक्षा के लिए अध्यन की तैयारी परीक्षा उन्मुख हो सके। 02) प्रतियोगी को पाठ्यक्रम आधारित अध्ययन इस आधार पर शुरू करनी चाहिए कि प्रतियोगी का उद्देश्य प्रतियोगिता में अधिकतम अंक प्राप्त करना है क्योकि प्रतियोगी को हमेशा यह याद रखना चाहिए कि परीक्षा जीवन की सफल घटना जब ही बन पाएगी जब प्रतियोगिता में योग्यता का स्तर उच्च स्थान पर होगा।
03) प्रतियोगी को यह भी याद रखना चाहिए कि परीक्षा में सफलता मिलेगी या नहीं यह न केवल इस बात पर निर्भर करता है कि प्रतियोगिता में आपका प्रदर्शन कैसा रहा बल्कि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि प्रतियोगिता में अन्य प्रतिभागियों का प्रदर्शन कैसा रहा। ऐसा कह सकते हैं कि आप की सफलता अन्य प्रतिभागियों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
04) प्रतियोगी को परीक्षा के पाठ्यक्रम का उचित रूप से ज्ञान होना चाहिए ताकि प्रतियोगी यह विचार कर सके कि उसको किन पहलुओं को तैयार करना है। 05) प्रतियोगी को परीक्षा के पैटर्न और परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के प्रकार के बारे में पता होना भी आवश्यक है। इसके लिए प्रतियोगी को पिछली परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों पर भी अवश्य विचार करना चाहिए। ताकि प्रतियोगी यह निर्णय ले सके कि उसको किन पहलुओं को बहुत अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए ताकि प्रतियोगिता में प्रतियोगी का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रह सके।
06) प्रतियोगी को परीक्षा की तैयारी के लिए एक समयबद्ध योजना बनानी चाहिए जिसमें उपयुक्त अध्ययन सामग्री का संग्रह शामिल होना चाहिए। प्रतियोगी को परीक्षा की तैयारी के लिए अनुभाग-वार व्यावहारिक रूप से एक समय सारणी तैयार करनी चाहिए। 07) यदि प्रतियोगी आवश्यक समझता हो तो किसी अनुभवी साथी से समय सारणी तैयार करने में सहायता लेनी चाहिए और प्रतियोगी को समय सारिणी का सख्ती से पालन करना चाहिए। 08) प्रतियोगी को परीक्षा के पाठ्यक्रम को पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के आधार पर दो भागों में विभाजित करना चाहिए एक नियोजित कार्यक्रम और दूसरा गैर-अनुसूचित कार्यक्रम। प्रतियोगी को नियोजित कार्यक्रम के लिए अधिक व विस्तारात्मक अध्ययन करना आवश्यक है इसलिए इस कार्यक्रम के लिए अधिक व एकाग्रता का समय आवंटित करना उचित होगा और गैर-अनुसूचित कार्यक्रम के लिए कुछ दिन आवंटित करें।
09) प्रतियोगी को प्रतिस्पर्धा में विजयी होने के लिए यह आवश्यक है कि वह अध्ययन सामग्री के उचित चुनाव के बाद ही उपयुक्त अध्ययन सामग्री का चयन करें क्योकि उत्तम और भरोसेमंद हथियारों से जंग जीतने में मदद होती है। 10) प्रतियोगी को चाहिए कि वह अध्ययन सामग्री का विस्तृत, प्रमाणित और अपडेट किया गया वर्ज़न एकत्रित करने को प्राथमिकता प्रदान करे।
11) प्रतियोगी को चाहिए कि वह बुनियादी बातों को समझना और उनमें महारत हासिल करना सुनिश्चित करें क्योकि सफलता तब तक साथ नहीं देती जब तक ज्ञान का बुनियादी ढांचे कमजोर हो।
12) प्रतियोगी को चाहिए कि अध्ययन सामग्री को एक बार नहीं बल्कि कई बार पढ़ें क्योकि अध्ययन सामग्री का निरंतर अध्ययन प्रतियोगी को परीक्षा के लिए आवश्यक ज्ञान के स्तर और पहले प्राप्त किए गए ज्ञान के स्तर में विस्तार करने में सहायक सिद्ध होता है। 13) प्रतियोगी को चाहिए कि अपने उत्तरों का मूल्यांकन अध्ययन सामग्री में दिए गए उत्तरों से तुलनात्मक दृष्टि से आके क्योकि इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि प्रतियोगी को कहां सुधार की जरूरत है।
14) प्रतियोगी को चाहिए कि वह लिखकर अभ्यास करें ताकि अध्यन का स्तर दीर्घकालीन बना रहे।
15) प्रतियोगी को चाहिए कि वह हमेशा टाइम फैक्टर को ध्यान में रखें क्योकि यह प्रतियोगी को परीक्षा के निर्धारित समय के भीतर अपने लेखन में सहज प्रवाह की सुविधा भी देता है खासकर जब परीक्षा वर्णनात्मक हो। 16) यदि प्रतियोगी की परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार (objective type) पर आधारित है तो प्रतियोगी को चाहिए कि वह अधिक से अधिक सम्बंधित अभ्यास पत्र एकत्र करें और उन पर काम करें। क्योकि प्रतियोगी का एकमात्र लक्ष्य ऐसा प्रयास करना होना चाहिए कि प्रतियोगी न्यूनतम संभव समय सीमा के भीतर शत प्रतिशत सटीकता के साथ अधिकतम प्रश्नों के उत्तर दे सके।
17) यदि प्रतियोगी को धन और समय अनुमति देते हो तो प्रतियोगी को एक अच्छे मार्गदर्शन संस्थान में शामिल होना चाहिए।
18) प्रतियोगी को नियमित रूप से अखबार को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए। यदि स्थिति अनुमति देती है तो अलग-अलग सेनेरियो के साथ एक से अधिक पेपर पढ़ना चाहिए। प्रतियोगी को पिछले छह महीनों के लिए नियमित समाचार पत्र पढ़ना चाहिए। प्रतियोगी को भविष्य में उपयोग के लिए महत्वपूर्ण घटनाओं के नोट्स बनाने चाहिए। प्रतियोगी को अखबार के संपादकीय भाग को अपने शब्दों में लिखना चाहिए जो परीक्षा के वर्णनात्मक प्रकार या निबंध खंड में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा।
परीक्षा की पूर्व संध्या पर क्या करे
परीक्षा की पूर्व संध्या पर प्रतियोगी को अपना मन और दिमाग को यथासंभव शांत रखना चाहिए और एक अच्छी और सामान्य नींद लेनी चाहिए क्योंकि परीक्षा के दौरान शांत दिमाग बेहतर सोचने के साथ साथ तथ्यों को जल्दी याद करने में सहायक सिद्ध होता है। प्रतियोगी के लिए जहां तक संभव हो परीक्षा के दिन से पहले की रात को महत्वपूर्ण पुनरीक्षण पहलुओं को छोड़कर अपना अधिक समय तक दोबारा रिवीजन नहीं करना चाहिए। प्रतियोगी को चाहिए कि परीक्षा के दिन से पहले की रात को साधारण भोजन ग्रहण करे।
परीक्षा के लिए जाने से पहले कुछ चरणों को याद रखना चाहिए
परीक्षा के लिए जाने से पहले प्रतियोगी को अवश्य ही
- सुबह ठंडे दिमाग से समय पर उठें।
- ताजे पानी से नहाएं।
- भगवान से अच्छे के लिए एक छोटी सी प्रार्थना करें।
- कॉल लेटर में दिए गए निर्देश को अवश्य पढ़ें।
- परीक्षा के लिए बुलावा पत्र में निर्धारित या यदि निर्धारित हो तो ड्रेस कोड के साथ तैयार होना चाहिए। (अब एक निर्धारित ड्रेस कोड के लिए प्रतिस्पर्धात्मक प्राधिकारी बहुत विशिष्ट है)
- पेन, पेंसिल, इरेज़र, शार्पनर, रूलर, कॉल लेटर, फोटोग्राफ की एक कॉपी, आधार कार्ड आदि सभी आवश्यक सामान ले जाना सुनिश्चित करें।
- वर्तमान सेनेरियो में परीक्षा हॉल में फेस मास्क और सैनिटाइजर की एक बोतल अनिवार्य है, इसलिए अवश्य ले जाएं।
- यदि संभव हो तो मोबाइल फोन को परीक्षा हॉल में ले जाने से बचें क्योंकि परीक्षा परिसर के अंदर मोबाइल फोन की अनुमति नहीं है और यह परीक्षा केंद्र के बाहर अज्ञात व्यक्तियों के पास छोड़ना पड़ता है जो एक तनाव की स्थिति पैदा कर सकती है।
परीक्षा के दौरान की रणनीति
01) प्रतियोगी को चाहिए कि वह उत्तर देने से पहले प्रत्येक प्रश्न को ध्यान से पढ़ें क्योंकि प्रश्न पत्र में पूछे गए प्रश्नों के इतने सीधे होने की संभावना नहीं होती है। 02) प्रश्न पत्र में पूछे गए प्रश्नों में लगभग 20-25% प्रश्नों में भ्रम की स्थिति से समस्या होना संभव हो सकता है क्योंकि पूछे गए प्रश्न नकारात्मक प्रवर्ति के प्रश्न भी हो सकते हैं, जिन्हें अधिक सावधानी से हल करने की आवश्यकता होती है।
03) यदि परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछे गए है तो प्रतियोगी को अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि कभी-कभी दिए गए विकल्प एक जैसे प्रतीत होते हैं लेकिन बहुत पतली रेखा का अंतर होता है जिसको पहचानना अनिवार्य है।
04) प्रतियोगी को चाहिए कि वह वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा में किसी भी विकल्प को ठीक करने से पहले प्रत्येक दिए गए विकल्प को ध्यान से पढ़ें। 05) वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पत्र में प्रतियोगी के लिए उचित विकल्प निर्धारित करना तभी आसान हो सकता है जब प्रतियोगी के पास मूलभूत पहलुओं के बारे में पूरी स्पष्टता हो। अन्यथा, इन प्रश्नों का प्रयास करना जोखिम भरा हो सकता है।
06) प्रतियोगी को चाहिए कि वह एक योजनाबद्ध तरीके से प्रश्नों के उत्तर दे। 07) प्रतियोगी को चाहिए कि वह अंत में दस मिनट का समय प्रश्नों के दिए गए उत्तर में कुछ भी त्रुटि लगती है तो प्रतियोगी को अपने दिए गए उत्तरों को संशोधित कर लेना चाहिए।
08) वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पत्र में प्रतियोगी को उत्तर पत्रिका में प्रश्नों की क्रम संख्या का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए अन्यथा प्रतियोगी की सारी मेहनत खराब हो सकती है। 09) प्रतियोगी को सर्वप्रथम पूरे प्रश्न पत्र पर एक सरसरी नजर दौड़ानी चाहिए और ऐसा प्रयास करना चाहिए कि वह बेहतर ढंग से समझे जाने वाले प्रश्नों को पहले हल करे। 10) प्रतियोगी को यह याद रखना चाहिए कि एक बार यदि प्रश्न पत्र के एक बड़े हिस्से का उत्तर संतोषजनक ढंग से दे दिया तो आत्मविश्वास का स्तर बढ़ना तय है और प्रतियोगी उन प्रश्नों का भी उत्तर देने में सक्षम हो सकते हैं जिनका उत्तर देना पहली बार देखने पर कठिन लग रहे थे।
11) प्रतियोगी को यह प्रयास करना चाहिए कि यदि प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ प्रकार पर आधारित है तो वह किसी भी प्रश्न पर स्वनिर्धारित समय से ज्यादा न अटकें। यदि प्रतियोगी को ऐसा लगता हैं कि प्रश्न का उत्तर तुरंत याद नहीं आ रहे हैं तो बाद के लिए उपयुक्त टिप्पणी करके इसे कुछ समय के लिए छोड़ सकते हैं। 12) प्रतियोगी को बाद में ऐसे प्रश्नों के जवाब देने के लिए वापस आना चाहिए।
13) यदि प्रश्न पत्र वर्णनात्मक प्रकार पर आधारित है तो प्रतियोगी को अपने उत्तरों को छोटे-छोटे बिंदुओं में विभाजित करके व बिंदुवार उत्तर देकर अपने जवाब को अधिक प्रभावशाली बनाना चाहिए और जो बेहतर अंक अर्जित करने में सहायक हो सकता है।
14) प्रतियोगी को अपने उत्तरों को स्पष्ट, विशिष्ट और संक्षिप्त बनाएं तथा अपने उत्तरों को ज्यादा लंबे और जटिल वाक्यों का प्रयोग करने से बचें।
15) प्रतियोगी को चाहिए कि उत्तरों के लिए आवंटित संख्या से अधिक देने से बचें अर्थात उत्तरों की लम्बाई निर्दिष्ट अधिकतम शब्दों के अंतर्गत रहे।
16) प्रतियोगी को चाहिए कि अपने उत्तरों की प्रस्तुति पर विशेष ध्यान दे क्योंकि उत्तरों की प्रस्तुति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रतियोगी को चाहिए कि जहाँ तक संभव हो उपयुक्त शब्दों का प्रयोग करें।
17) प्रतियोगी को ध्यान रखना चाहिए कि साफ, स्पष्ट और अच्छी लिखावट परीक्षक के मन पर एक अच्छी छाप छोड़ती है और परीक्षा पत्र में थोड़े अधिक अंक लेने में सहायक रहती है इसलिए प्रतियोगी को चाहिए कि इस बात का भी विशेष ध्यान रखे।
18) प्रतियोगी को चाहिए कि अपनी उत्तर पुस्तिका परीक्षक को सौंपने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि उत्तर पुस्तिका पर अपना रोल नंबर और अन्य विवरण सही ढंग से लिखा है और यह भी सुनिश्चित कर ले कि उत्तर पुस्तिका को ठीक से सिला गया है।
प्रतियोगी कृपया याद रखें कि सफलता की इच्छा रखने मात्र से और एक सहज जीत का सपना देखने में आपका भाग्य नहीं मदद नहीं करता है बल्कि एक सम्पूर्ण योजना से तैयारी, निरंतर प्रयास और आपका विश्वास ही आपको अपने इरादे में सफल होने में सहायक होता है।
हम आपको, आपके सभी प्रयासों में शुभकामनाएं देते हैं।
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